शायद इस बात को कम ही लोग जानते हों कि सेक्स के समय महिला की योनी में निकलने वाली चिकनाई एक प्राकतिक लुब्रिकेट का काम करती है। जब भी सेक्स के समय कोई लड़की या फिर महिला उत्तेजित होती है उसकी योनी में गीलापन आ जाता है।
जिससे पुरुष के लिंग को अंदर जाने और योनी को पुरुष लिंग के बराबर आकार लेने में दिक्कत नहीं होती है। इतना ही नहीं ये लुब्रीकेंट महिला के यौन सुख का अहसास तो कराता ही है साथ में सेक्स के दौरान होने वाले दर्द से भी बचाता है। योनी का गीला न होना स्त्री की इच्छा पर निर्भर करता है।
यदि महिला को संभोग की इच्छा नहीं है तो योनी के अंदर रुखापन रहता है जिससे कभी-कभी योनी में पेट्रलियम जैल बी, बेबी ऑयल और तरल पदार्थ लगाने की सलाह दी जाती है।
इससे योनी के अंदर कृत्रिम गीलापन आ जाता है। सेक्स के दौरान निकलने वाला प्राक1तिक गीलापन न सिर्फ सेक्स करने में मदद करता है। बल्कि योनी को संक्रमण से भी बचाता है। अक्सर लोगों के मन में ये भ्रम होता है कि महिला की योनी में जो चिकनाई रहती है वह हमेशा रहती है। दरअसल सेक्स के दौरान योनी के आसपास की कोशिकाएं सिकुड़ती और फैलती हैं जिससे योनी में नैचुरल लुब्रीकेंट का रिसाव होने लगता है।
जिससे पुरुष के लिंग को अंदर जाने और योनी को पुरुष लिंग के बराबर आकार लेने में दिक्कत नहीं होती है। इतना ही नहीं ये लुब्रीकेंट महिला के यौन सुख का अहसास तो कराता ही है साथ में सेक्स के दौरान होने वाले दर्द से भी बचाता है। योनी का गीला न होना स्त्री की इच्छा पर निर्भर करता है।
यदि महिला को संभोग की इच्छा नहीं है तो योनी के अंदर रुखापन रहता है जिससे कभी-कभी योनी में पेट्रलियम जैल बी, बेबी ऑयल और तरल पदार्थ लगाने की सलाह दी जाती है।
इससे योनी के अंदर कृत्रिम गीलापन आ जाता है। सेक्स के दौरान निकलने वाला प्राक1तिक गीलापन न सिर्फ सेक्स करने में मदद करता है। बल्कि योनी को संक्रमण से भी बचाता है। अक्सर लोगों के मन में ये भ्रम होता है कि महिला की योनी में जो चिकनाई रहती है वह हमेशा रहती है। दरअसल सेक्स के दौरान योनी के आसपास की कोशिकाएं सिकुड़ती और फैलती हैं जिससे योनी में नैचुरल लुब्रीकेंट का रिसाव होने लगता है।
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