Saturday 16 April 2016

स्‍वप्‍नदोष को कैसे रोकें


युवाओं में स्‍वप्‍नदोष एक सामान्‍य समस्‍या है। यह हर उम्र के पुरुषों में देखने को मिलती है। इसमें कुछ भी असामान्‍य नहीं है। हालांकि, अगर आपको नियमित रूप से इस समस्‍या का सामना करना पड़ रहा है, तो आपको सचेत होने की जरूरत है। इससे सेहत पर तो असर पड़ता ही है साथ ही मानसिक रूप से भी दबाव काफी बढ़ जाता है। कई पुरुषों को इस बात को लेकर संशय रहता है कि आखिर वे स्‍वप्‍नदोष की इस समस्‍या से कैसे बचें। हालांकि इस बात के कोई पुख्‍ता सबूत नहीं हैं, लेकिन स्‍वप्‍नदोष से थकान, अंडकोष में दर्द, कमजोर स्‍खलन और शीघ्रपतन जैसी समस्‍यायें हो सकती हैं।

विशेषज्ञ अभी तक स्‍वप्‍नदोष के कारणों को लेकर आश्‍वस्‍त नहीं हैं। हालांकि, हस्‍तमैथुन और कामुक विचारों को इसके लिए उत्‍तरदायी माना जाता है। कई लोग स्‍वप्‍नदोष से बचने के लिए हस्‍तमैथुन कम करने की सलाह दी जाती है। इसके साथ ही कुछ घरेलू उपाय भी हैं, जिनसे इस समस्‍या को नियंत्रित करने का दावा किया जाता है। कुदरती उपायों का आमतौर पर आपके शरीर पर कोई बुरा असर नहीं होता और इनका असर भी प्रभावी होता है।

महीने में दो या तीन बार स्‍वप्‍न दोष होना सामान्‍य है। लेकिन, अगर यह समस्‍या इससे ज्‍यादा बार होती है, तो कुछ गड़बड़ होने की आशंका है।
शीघ्र पतन को भी स्‍वप्‍नदोष की समस्‍या से जोड़कर देखा जा सकता है।

कुछ गंभीर मामलों में स्‍वप्‍नदोष से पीडि़त लोगों को संभोग के दौरान लिंग निष्‍क्रिय होने की समस्‍या हो सकती है। हालांकि अभी तक इस समस्‍या से जुड़ी कोई पुख्‍ता जानकारी नहीं है। लेकिन, अधिकतर जानकार इसके पीछे अधिक कामुक विचारों को ही जिम्‍मेदार मानते हैं।
जब कई दिन तक लगातार ऑर्गेज्‍म हो जाए और लिंग को आराम करने का मौका न मिले, तो स्‍वप्‍नदोष हो सकता है।

स्‍वप्‍नदोष से कैसे बचें
कई जानकार मानते हैं कि सोने से पहले हस्‍तमैथुन करने से भी स्‍वप्‍नदोष से बचा जा सकता है। हालांकि, इस बात को लेकर विशेषज्ञों में एकराय नहीं है।
रोजाना व्‍यायाम करने से भी शारीरिक ऊर्जा का सही इस्‍तेमाल होता है और आप स्‍वप्‍नदोष से बच सकते हैं।
हालांकि, इस टिप को ज्‍यादातर विशेषज्ञ नकारते हैं, लेकिन सेक्‍स के बारे में न सोचकर और हस्‍तमैथुन की संख्‍या कम करके भी इस समस्‍या से बचा जा सकता है।
इसके साथ ही आपको सही आहार भी लेना चाहिये। विटामिन बी से भरपूर आहार लेने से भी आप इस समस्‍या से बच सकते हैं।
अपने सोने और उठने का समय भी निर्धारित करें।
अपने मन को शांत रखिये और किताबें पढ़कर, संगीत सुनकर और दोस्‍तों से बातें कीजिये और स्‍वयं को व्‍यस्‍त रखें।

स्‍वप्‍नदोष से बचने के कुदरती उपाय
रोजाना आंवले का मुरब्बा खायें और उसके ऊपर से गाजर का रस पिएं।
तुलसी की जड़ के टुकड़े को पीसकर पानी के साथ पियें। इससे लाभ होगा।
अगर जड़ नहीं मिले तो बीज 2 चम्मच शाम के समय लें।
काली तुलसी के पत्ते 10-12 रात में जल के साथ लें।
लहसुन की दो कली कुचल कर निगल जाएं। थोड़ी देर बाद गाजर का रस पिएं।
मुलहठी का चूर्ण आधा चम्मच और आक की छाल का चूर्ण एक चम्मच दूध के साथ लें।
रात को एक लीटर पानी में त्रिफला चूर्ण भिगा दें सुबह मथकर महीन कपड़े से छानकर पीने से भी लाभ होता है।
अदरक रस 2 चम्मच, प्याज रस 3 चम्मच, शहद 2 चम्मच, गाय का घी 2 चम्मच, सबको मिलाकर सेवन करने से स्वप्नदोष तो ठीक होगा ही साथ मर्दाना ताकत भी बढ़ती है।

सेक्स में छिपे हैं स्वास्थ्य के सूत्

अनुसंधानों द्वारा यह साबित हो चुका है कि सेक्स स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है। यह अनेक बीमारियों का ऐसा इलाज है जो न सिर्फ आनंददायक है वरन उत्साहवर्धक भी है। इससे विभिन्न तरीकों से लाभ पहुंच सकता है।



आयु बढ़ती है:
जो लोग नियमित रूप से सहवास करते हैं और जिनके मन में इसको लेकर किसी तरह की आशंकाएं नहीं हैं, वे उन लोगों की अपेक्षा ज्यादा लंबी आयु पाते हैं जो महीने में एक बार सेक्स क्रिया करते हैं।


युवा लगते हैं:

ऐसे दंपति जो हफ्ते में तीन बार सेक्स क्रिया करते हैं, वे उन लोगों की अपेक्षा ज्यादा युवा लगते हैं जो कभी-कभी इसे करते हैं या बिलकुल ही नहीं करते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि इस प्रक्रिया में जो ऊर्जा लगती है उससे ऑक्सीजन का स्तर बढ़ता है, रक्त प्रवाह का संचार त्वचा में प्रवाहित होता है और त्वचा की नई कोशिकाएं बनती हैं। इससे त्वचा में एक आभा उत्पन्न होती है, वह चमकने लगता है। इसके अतिरिक्त ऐसी महिलाएं जिनको मेनोपॉज हो चुका है अगर सहवास क्रिया करती रहती हैं, उन्हें गर्मी या पसीना आने की शिकायत नहीं रहती है। न ही ऐसी महिलाओं पर आयु का ज्यादा प्रभाव पड़ता है।


मजबूत होती हैं हड्डियां:

'इंक्रीज योर सेक्स ड्राइव' के लेखक डॉ. सराह ब्रीवर के अनुसार, 'नियमित रूप से सहवास करने से एस्ट्रोजन लेवल बढ़ जाता है जिससे महिलाएं ओस्टियोपॉरिसिस या हड्डियों के रोग से पीडि़त नहीं होती हैं।'


सुखद नींद:

सेक्स के दौरान ऑक्सीटॉसिन हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है जिसका इतना सुखद असर पड़ता है कि आप चैन की नींद सो जाती हैं। पुरुषों पर इसका ज्यादा प्रभाव पड़ता है इसीलिए वे सहवास क्रिया के बाद बात करने के बजाय सोना पसंद करते हैं।


 तनाव खत्म हो जाता है:

सेक्स क्रिया के दौरान एंड्रोफस नामक एक हार्मोन शरीर से निकलता है जिसके कारण आप तनावमुक्त महसूस करती हैं। उस दौरान फिनीलेथलमाइन रसायन का स्त्राव होता है जिससे स्वस्थ होने की भावना उत्पन्न होती है। प्यार भरे रिश्ते में की गई सहवास क्रिया मन में एक उत्साह भर देती है कि कोई आपको प्यार करता है, आपकी परवाह करता है। आप ज्यादा समय खुश रहती हैं। खुशी ही तनावमुक्त रहने का सबसे कारगर उपाय है। मैक्स हेल्थ केयर सेंटर की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. नीलांजना के अनुसार, 'सेक्स के दौरान चूंकि एक निश्चिंतता होती है इसलिए पति-पत्‍‌नी दोनों ही तनावमुक्त महसूस करते हैं। हृदय गति बढ़ने से शरीर और मन में एक स्फूर्ति महसूस होती है।'


दर्द निवारक:

एंड्रोफिंस हार्मोन प्राकृतिक दर्द निवारक के रूप में कार्य करता है। बढ़ते हुए एस्ट्रोजन स्तर से प्री-मेन्सट्रुअल सिंड्रोम और मासिक स्त्राव के समय होने वाली परेशानियों से बचा जा सकता है। इससे अनियमित मासिक चक्र भी नियमित हो जाता है। अध्ययनों से पता लगा है कि सहवास करने से आर्थराइटिस से पीडि़त महिलाओं को भी आराम मिलता है। इससे होने वाली अनुभूति से सिरदर्द और माइग्रेन तक दूर हो जाता है। इसलिए अगली बार सिरदर्द होने का बहाना बनाकर इससे बचने की कोशिश न करें। सर्दी-जुखाम भी इससे दूर हो जाता है।





शक्ति बढ़ती है:

ऑर्गेज्म के दौरान ताजा खून सारे शरीर में फैल जाता है, यहां तक कि दिमाग में भी। इससे उस क्षेत्र में रक्त संचार बढ़ जाता है। सर्वेक्षणों से पता चला है कि इससे मस्तिष्क की कार्यक्षमता बढ़ने से वह ज्यादा कठिन काम कर सकता है। विभिन्न हार्मोन मानसिक शक्ति में बढ़ोतरी करते हैं।


व्यायाम भी है:

एक तरफ जहां व्यायाम करने से आपके सेक्स जीवन में सुधार आता है वहीं यह खुद एक प्रभावशाली व्यायाम है। सेक्स मांसपेशियों की टोनिंग करने में मदद करता है। तीस मिनट की सेक्स प्रक्रिया के दौरान एक आम व्यक्ति की करीब दो सौ कैलोरी खर्च होती हैं। यानी अगर आप प्रतिदिन इसे करते हैं तो हर दो हफ्ते बाद आपका आधा किलो वजन घट सकता है। अगर आप एक साल तक हफ्ते में तीन बार इसे करते हैं तो यह दो सौ किलोमीटर दौड़ने के बराबर होता है।





हृदय रोग से बचाव:

हृदय रोग विशेषज्ञ मानते हैं कि हफ्ते में तीन बार कम से कम बीस मिनट तक सेक्स क्रिया करने से हार्ट अटैक होने का खतरा कम हो जाता है। इससे हृदय गति में भी सुधार होता है। अपोलो अस्पताल की मनोवैज्ञानिक डॉ. एकता सोनी के अनुसार, 'जब मानसिक स्थिति ठीक रहती है तो व्यक्ति सकारात्मक दिशा में सोचता है। पति-पत्‍‌नी को जब यह महसूस होता है कि दोनों को एक-दूसरे की जरूरत है तो वे डिप्रेशन के शिकार नहीं होते। इससे निजी संबंध भी पुख्ता होते हैं।'