गर्भावस्था के दौरान बहुत से जोड़े संभोग करने से डरते हैं लेकिन इसमें डरने की कोई जरूरत नहीं है। सेक्स जीवन में एक रोमांच और बेहतर आराम का सबसे सटीक जरिया होता है। बहुत से ऐसे जोड़े होतें है जो कि सदैव रति क्रिया करते रहतें है लेकिन अचानक ही महिला के गर्भवती होते ही जोड़े आपस में संभोग करना बंद कर देते हैं। इसका एक मात्र कारण होता है कि दोनों ही अपने भविष्य में आने वाले बच्चे को लेकर सचेत रहते है।
ऐसा होना भी चाहिए लेकिन गर्भावस्था के दौरान कभी-कभी संभोग करना गलत नहीं है। बशर्ते ध्यान दिया जाये कि संभोग ठीक ढंग से किया जाये। ठीक ढंग से हमारा तात्पर्य संभोग के दौरान अपनाये गये पोजिशन और आसन से है। डॉक्टरों के अनुसार जब गर्भ में पल रहे बच्चे में किसी प्रकार के कॉम्प्लीकेशंस हों तो संभोग करने से बचना चाहिए। इससे बच्चे के विकास पर असर पड़ता है। लेकिन यदि बच्चे का विकास सही है तो गर्भावस्था के तीन महीने पूरे होने पर संभोग किया जा सकता है। यदि आप सुरक्षित आसन का प्रयोग संभोग के दौरान करें तो आप आसानी से बगैर किसी भी परेशानी के गर्भावस्था के दौरान भी संभोग का आनंद ले सकते हैं। आज हम आपको गर्भावस्था के दौरान कैसे आसनों का प्रयोग करें इस बारें में बतायेंगे।
गर्भावस्था के दौरान सुरक्षित संभोग के आसन:
पोजिशन:1 गर्भावस्था में संभोग करने से पूर्व पति और पत्नी दोनों का राजी होना बहत ही आवश्यक होता है। किसी भी पक्ष का दबाव या अवसाद बच्चे पर असर डाल सकता है। गर्भावस्था के दौरान पुरुष और महिला एक दूसरे के सामने लेट जाएं। महिला अपना बायां पैर पुरूष के शरीर पर रख दे। इस अवस्था में संभोग करने से गर्भ को झटके नहीं लगते। लेकिन ध्यान रहे सातवें महीने से ऐसा करना थोड़ा कठिन होता है।
पोजिशन:2 इसके अलावा एक और आसान जो कि गर्भावस्था के दौरान काफी सुरक्षित माना जाता है। इस आसान में महिला अपनी तरफ सिकुड़कर लेट जाए। पुरूष ठीक महिला के पीछे लेटकर संभोग की क्रिया करे। इस दौरान ध्यान रहे कि पुरूष का हाथ महिला के पेट को दबाये पेट के अलावा पुरूष दबाव बनाने के लिए महिला जंघे या फिर कंधें, गले का आलिंगन करे। इस आसान से भी गर्भावस्था में संभोग करने पर कोई भी बुरा असर नहीं पड़ता है। खास बात यह है कि इस पोजीशन में आठवें व नवें महीने तक संभोग किया जा सकता है।
पोजिशन:3 इसके अलावा यदि महिला को कोई परेशानी महसूस हो रही हो तो वो पुरुष के ऊपर बैठ जाए। महिला का मुख या तो पुरूष के चेहरे की ओर हो या पैरों की ओर। इस पोजीशन पर सेक्स करने से गर्भवती महिला के शरीर पर ज्यादा भार नहीं पड़ता। लेकिन ऐसी अवस्था में चुंबन लेते वक्त सावधानी बरतनी चाहिए, क्योंकि चुंबन लेते समय महिला का पेट पर पुरूष के शरीर का दबाव पड़ सकता है।
पोजिशन:4 इसके अलावा महिला पीठ के बल लेट जाये और अपने टखने मोड़ ले। महिला अपने पैरों को पुरूष के कंधों पर भी रख सकती है और कंधो पर रख कर पुरूष को संभोग करने के लिए आमंत्रित करें। इस पोजिशन में भी पेट पर दबाव नहीं पड़ता और आसानी से संभोग का आनंद लिया जा सकता है।
पोजिशन:5 गर्भावस्था में पुरुष किसी आरामदायक कुर्सी, बैड, आर्मचेयर आदि का सहारा भी एक बेहतर संभोग के लिए कर सकता है। इसके लिए पुरूष बस किसी ऐसे कुर्सी आदि पर बैठ जाये जो कि आरामदेह हो और पत्नी पुरूष के उपर बैठ जाये। इस आसन का प्रयोग कार सुरक्षित संभोग किया जा सकता है।
ऐसा होना भी चाहिए लेकिन गर्भावस्था के दौरान कभी-कभी संभोग करना गलत नहीं है। बशर्ते ध्यान दिया जाये कि संभोग ठीक ढंग से किया जाये। ठीक ढंग से हमारा तात्पर्य संभोग के दौरान अपनाये गये पोजिशन और आसन से है। डॉक्टरों के अनुसार जब गर्भ में पल रहे बच्चे में किसी प्रकार के कॉम्प्लीकेशंस हों तो संभोग करने से बचना चाहिए। इससे बच्चे के विकास पर असर पड़ता है। लेकिन यदि बच्चे का विकास सही है तो गर्भावस्था के तीन महीने पूरे होने पर संभोग किया जा सकता है। यदि आप सुरक्षित आसन का प्रयोग संभोग के दौरान करें तो आप आसानी से बगैर किसी भी परेशानी के गर्भावस्था के दौरान भी संभोग का आनंद ले सकते हैं। आज हम आपको गर्भावस्था के दौरान कैसे आसनों का प्रयोग करें इस बारें में बतायेंगे।
गर्भावस्था के दौरान सुरक्षित संभोग के आसन:
पोजिशन:1 गर्भावस्था में संभोग करने से पूर्व पति और पत्नी दोनों का राजी होना बहत ही आवश्यक होता है। किसी भी पक्ष का दबाव या अवसाद बच्चे पर असर डाल सकता है। गर्भावस्था के दौरान पुरुष और महिला एक दूसरे के सामने लेट जाएं। महिला अपना बायां पैर पुरूष के शरीर पर रख दे। इस अवस्था में संभोग करने से गर्भ को झटके नहीं लगते। लेकिन ध्यान रहे सातवें महीने से ऐसा करना थोड़ा कठिन होता है।
पोजिशन:2 इसके अलावा एक और आसान जो कि गर्भावस्था के दौरान काफी सुरक्षित माना जाता है। इस आसान में महिला अपनी तरफ सिकुड़कर लेट जाए। पुरूष ठीक महिला के पीछे लेटकर संभोग की क्रिया करे। इस दौरान ध्यान रहे कि पुरूष का हाथ महिला के पेट को दबाये पेट के अलावा पुरूष दबाव बनाने के लिए महिला जंघे या फिर कंधें, गले का आलिंगन करे। इस आसान से भी गर्भावस्था में संभोग करने पर कोई भी बुरा असर नहीं पड़ता है। खास बात यह है कि इस पोजीशन में आठवें व नवें महीने तक संभोग किया जा सकता है।
पोजिशन:3 इसके अलावा यदि महिला को कोई परेशानी महसूस हो रही हो तो वो पुरुष के ऊपर बैठ जाए। महिला का मुख या तो पुरूष के चेहरे की ओर हो या पैरों की ओर। इस पोजीशन पर सेक्स करने से गर्भवती महिला के शरीर पर ज्यादा भार नहीं पड़ता। लेकिन ऐसी अवस्था में चुंबन लेते वक्त सावधानी बरतनी चाहिए, क्योंकि चुंबन लेते समय महिला का पेट पर पुरूष के शरीर का दबाव पड़ सकता है।
पोजिशन:4 इसके अलावा महिला पीठ के बल लेट जाये और अपने टखने मोड़ ले। महिला अपने पैरों को पुरूष के कंधों पर भी रख सकती है और कंधो पर रख कर पुरूष को संभोग करने के लिए आमंत्रित करें। इस पोजिशन में भी पेट पर दबाव नहीं पड़ता और आसानी से संभोग का आनंद लिया जा सकता है।
पोजिशन:5 गर्भावस्था में पुरुष किसी आरामदायक कुर्सी, बैड, आर्मचेयर आदि का सहारा भी एक बेहतर संभोग के लिए कर सकता है। इसके लिए पुरूष बस किसी ऐसे कुर्सी आदि पर बैठ जाये जो कि आरामदेह हो और पत्नी पुरूष के उपर बैठ जाये। इस आसन का प्रयोग कार सुरक्षित संभोग किया जा सकता है।
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