Friday, 5 February 2016

क्‍या आपके लिंग में कड़ापन नहीं आता?

क्‍या आप संभोग के दौरान सफल नहीं हो पाते हैं, क्‍या आपके लिंग में कड़ा पन नहीं आता या आप के अंदर उत्‍तेजना काफी देर से पैदा होती है? पुरुषों की लव लाइफ के लिए लिंग में कड़ा पन न‍हीं आना खतरनाक साबित हो सकता है। इसे अंग्रेजी में इलेक्‍टाइल डाइस्‍फंशन कहते हैं। सीधे शब्‍दों में इसे नपुंसकता कहा जाता है। अगर ऐसा है, तो आप कुछ जरूरी बातों का पालन कर इससे काफी हद तक कम या खत्‍म कर अपनी पार्टनर को संतुष्‍ट कर सकते हैं।

सबसे पहले हम बात करेंगे इसके पीछे के कारणों की। लिंग में कड़ा पन नहीं आने के प्रमुख कारण इस प्रकार हैं-

1. पत्‍नी से बिगड़ते संबंध: यदि आपकी पत्‍नी से आपके संबंध अच्‍छे नहीं हैं और आप दोनों के अंदर संभोग की चाहत खत्‍म हो चुकी है, तो धीरे-धीरे लिंग में कड़ापन आना कम होने लगता है। एक समय ऐसा आता है, जब आप चाह कर भी संभोग नहीं कर पाते। लिहाजा सेक्‍स लाइफ को लंबे समय तक बनाये रखने के लिए पति-पत्‍नी के बीच मधुर संबंध होना जरूरी है।

2. संभोग नहीं करना: मधुर संबंध होते हुए भी यदि आपने पत्‍नी से संभोग करना बंद कर दिया है या कम कर दिया है, तो टेस्‍टोस्‍टीरोन का बनना कम हो सकता है, जिस वजह से लिंग में कड़ापन आने में दिक्‍कत होने लगती है।

3. अन्‍य कारण: धूम्रपान करने, शराब पीने, जरूरत से ज्‍यादा मा‍नसिक तनाव, जरूरत से ज्‍यादा आलस्‍य, अवसादग्रस्‍त होने, आदि से भी लिंग में कड़ापन कम हो जाता है। इसके अलावा डायबटीज़, कोलेस्‍ट्रॉल, किडनी संबंधी बीमारियां और हाई व लो ब्‍लड प्रेशर भी नपुंसकता के कारण हो सकते हैं।

नपुंसकता का सबसे बड़ा दुष्‍प्रभाव शादी-शुदा जीवन पर पड़ता है। सबसे ज्‍यादा तलाक भी इसी के कारण होते हैं। यदि लिंग में कड़ापन आने से पहले, या कड़ापन आते ही वीर्य निकल जाता है, यदि संभोग शुरू करते ही वीर्य निकल जाता है, तो यह सभी नपुंसकता की निशानी हैं। यदि संभोग के दौरान आपका वीर्य निकलने से पहले ही आपके ब्‍लैडर में वापस चला जाता है, तो भी यह खतरनाक है।

यदि आपके साथ ऐसा होता है, तो घबराने की बात नहीं है। आप बिना किसी संकोच के सीधे किसी अच्‍छे गुप्‍तरोग विशेषज्ञ की सलाह लें। इरेक्‍टाइल डाइस्‍फंशन में वियाग्रा या लेविट्रा जैसी दवाएं दी जाती हैं।

ऐसा होने पर पत्‍नी के भरपूर सहयोग की जरूरत पड़ती है। यदि आपके पति के साथ ऐसी समस्‍याएं हैं, तो उनके मनोबल को गिरने मत दें। आप पहले की तरह ही उत्‍तेजक कपड़ों में उनके सामने जायें और उन्‍हें सेक्‍स के लिए प्रेरित करें। किस, फोरसेक्‍स, आदि जारी रखें। हो सकता है शुरू में विफलता हाथ लगे, लेकिन सही इलाज के बाद आपको सफलता जरूर मिल सकती है।

इस बात को लेकर ज्‍यादा सोचने की जरूरत नहीं है। जरूरी नहीं है कि आपके लिंग में किसी विकृति की वजह से ऐसी समस्‍या आयी है। इसके कई अन्‍य कारण भी हो सकते हैं।

अधिक उम्र में भी सेक्सुअली फिट

एक नए शोध के अनुसार यूरोपीय देशों में सत्तर से अधिक उम्र वाले दंपत्ति सेक्स संबंधों में सक्रिय है और इससे संतुष्ट भी हैं.

ब्रिटिश मेडिकल पत्रिका के एक सर्वे के अनुसार स्वीडन के शोधकर्ताओं ने पिछले 30 साल की अवधि में 1500 वृद्ध दंपत्तियों से उनके सेक्स जीवन के बारे में पूछा है और ये निष्कर्ष निकाले हैं.

शोध के अनुसार ऐसे लोगों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है जो यह मानते हैं कि उनका सेक्स जीवन लंबा हुआ है और इसमें महिलाओं की भी अच्छी ख़ासी संख्या है.

ब्रिटेन के एक विशेषज्ञ का कहना है कि आज के वृद्ध लोग ज्यादा खुले वातावरण में पले बढ़े हैं. शोध के अनुसार 70 साल से अधिक की उम्र के शादीशुदा और अविवाहित दोनों ही लोग सेक्स के मामले में सक्रिय हैं.
हाल में किए गए सर्वेक्षण में विवाहितों में 68 प्रतिशत पुरुषों का कहना है कि वो सक्रिय सेक्स जीवन व्यतीत कर रहे हैं जबकि महिलाओं में यह संख्या 38 प्रतिशत से बढ़कर 56 प्रतिशत हुई है.

सेक्स जीवन से संतुष्ट होने वाली महिलाओं की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है.

ओटावा यूनिवर्सिटी के प्रोफ़ेसर पेगी क्लिनप्लाट्ज़ का कहना है कि अब डॉक्टरों को अपने सभी मरीज़ों से सेक्स के बारे में ज़रुर पूछना चाहिए क्योंकि ये एक ज़रुरी हिस्सा है स्वस्थ जीवन का.

यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन में सेक्स साइकोलॉजी की विशेषज्ञ पेट्रा बायनटन कहती हैं कि अभी भी लोगों को लगता है कि वृद्ध लोग सेक्स के मामले में सक्रिय नहीं हो सकते हैं जबकि ऐसी बात नहीं है.

वो कहती हैं, ''इस नए शोध को कई तरह से देखा जा सकता है. ज़रुरी नहीं कि जिनसे सवाल पूछे गए हैं उनसे यह भी पूछा गया हो कि वो किस तरह का सेक्स जीवन बिता रहे हैं. सेक्स का मतलब सिर्फ संभोग से नहीं मानना चाहिए और कई दंपत्ति ऐसे भी ज़रुर होंगे जो बिल्कुल सेक्स न करते हों. ''

गाजर से पाईये सेक्सी लुक

घरों में गाजर पाया जाना एक आम बात  है। अक्सर सब्जियों और सलाद के रूप में प्रयोग होने वाले गाजर के बारे में क्या कभी आपने जानने की कोशिश की है कि वो कितने काम की चीज है। आप को जानकर हैरत होगी कि गाजर का सेवन अगर आप रोज करने लगे तो आपको किसी ब्यूटी पार्लर में जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। जीं हां गाजर में पाये जाता है विटामिन A जो आंखो के लिए काफी फायदेमंद होता है।

गाजर आपके चेहरे की झुर्रियों को दूर करता है। गाजर को रोज खाने से आपकी आंखों के नीचे के काले धब्बे दूर होते हैं। गाजर बालों को टूटने से रोकता है। यही नहीं गाजर आपकी कमजोर हड्डियों को भी मजबूत बनाता है और दांतों को भी मजबूती देता है।

और तो और गाजर खाने से लोगों में सेक्स पवर बढती है। यही नहीं गाजर को अगर गर्भवती महिला खाती है तो उसके गर्भ में पलने वाले बच्चा काफी स्वस्थ पैदा होता है उसे आंखो और त्वचा से संबधित रोग नहीं होते हैं। यही नहीं महिलाओं को प्रसव के दौरान तकलीफ भी कम होती है। साथ ही गाजर दिल का भी हिसाब-किताब अच्छे से रखता है।

गाजर को अगर आप हलवे और सब्जी के रूप में अगर नहीं खा पा रहे हैं तो आप सुबह के नाश्ते में सादे गाजर को अच्छे से धोकर नमक के साथ खाईये। रोजाना सेवन करने से आपके चेहरे पर निखार तो आयेगा ही साथ ही आपको ये सेक्सी लुक भी प्रदान करेगा। यकीन ना तो आजमा कर देखें, फर्क आप खुद महसूस करेगें।

सेक्‍स लाइफ बढ़ानी है तो रोज़ खाइए अनार

लंदन। अनार का सेवन करने के अपने अलग ही फायदे होते हैं इसका जूस पीने से न केवल खून बनता है बल्कि यह दिल की कई बीमारियों से लडऩे में सहायक भी होता है। इसमें मौजूद भरपूर एंटीऑक्‍सीडेंट धूप और प्रदूषण से नष्‍ट हो चुकी चेहरे की कोशिकाओं को दुबारा से बनाने का कार्य भी करती हैं।
हाल ही में हुए एक शोध में पता चला है कि अनार का जूस पीने से सेक्स लाइफ बढ़ जाती है। अगर आपको लगता है कि यह जूस पीने के लिए आपको और कारण चाहिए तो निराश न हों क्‍योंकि यह आपको जवान भी रखता है। सदियों से माना जा रहा है कि यह फल सैकड़ों बीमारियों में फायदा पहुंचाता है। अनार हृदय रोगों, तनाव और यौन जीवन के लिए बेहतर माना जाता है।

जी, हां अगर आप लगातार अनार का सेवन करेगीं तो आपके चेहरे पर धूप से पडने वाली झुर्रियां नहीं पडेगीं। स्पेन के शोधकर्ताओं का कहना है कि रोज कुछ मात्रा में जूस का सेवन डीएनए के बूढ़ा होने की प्रक्रिया को धीमा करता है। यही नहीं शोध के दौरान सामने आया कि इसे न पीने वालों को कई प्रकार की शारीरिक समस्याएं हुईं।

इनमें त्वचा की आभा खोना, दिमाग में सुस्ती, लिवर व किडनी की भी कार्य प्रणाली प्रभावित दिखी। स्टडी के प्रमुख डॉ. सर्जियो ने कहा कि पुराने जमाने में भी इसे एक सुपर फूड माना जाता था। इसमें विटामिन ए, विटामिन सी और ई, आयरन व एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं।

सेक्‍स के मामले में झूठ जो पुरुष बोलते हैं

बात अगर सेक्‍स की आती है तो आज भी हमारे समाज में तमाम ऐसे लोग हैं जो शर्म से गीले हो जाते हैं। ऐसा नहीं है कि वो सेक्‍स करना नहीं चाहते, बल्कि इसिलए क्‍योंकि उनके अंदर एक शर्म होती है। वैसे ऐसे झूठ के लिए व्‍यक्ति को झूठा नहीं समझना चाहिये यह आम तौर पर पुरुषों की आदत में शुमार हो चुका है। खैर बात अगर झूठ की आयी ही है तो चलिये बात करते हैं पुरुष सेक्‍स से जुड़े कौन से झूठ सबसे ज्‍यादा बोलते हैं-

1. मैंने कभी किसी लड़की के अंगों को देखने के प्रयास नहीं किये

यदि आप किसी पुरुष से सीधे पूछेंगे कि क्‍या तुमने किसी महिला के अंग देखने के प्रयास किये हैं तो, उस आदमी की आंखें झुक जायेंगी और वो सबसे पहले यही कहेगा कि नहीं कभी नहीं। मैंने किसी लड़की को उस नजर से नहीं देखा।

2. अगर कोई लड़की अकेले में मिल जाये तो क्‍या तुम उसे किस करोगे?- जवाब नहीं

यदि इस सवाल पर कोई पुरुष नहीं कहता है तो समझ लीजिये वो झूठ बोल रहा है। क्‍योंकि ऐसे समय में पुरुषों के अंदर की मानसिकता उन्‍हें सेक्‍स के लिए उकसाती है। और कई बार वो खुद को रोक नहीं पाते।

3. महिलाओं का ऊपरी हिस्‍सा अच्‍छा नहीं लगता

अगर पुरुषों को बिल्लियों की लड़ाई अच्‍छी लग सकती है तो महिलाओं का ऊपरी हिस्‍सा क्‍यों नहीं। कामसूत्र की परिभाषा कहती है कि सेक्‍स के मामले में पुरुष सबसे पहले महिलाओं के ऊपरी हिस्‍से को देखकर ही आकर्षित होते हैं।

4. मैं मैथुन नहीं करता

यदि आप किसी पुरुष से सवाल करते हैं कि क्‍या तुम मैथुन करते हो- तो जवाब अगर नहीं में मिले तो समझ लीलिये वो झूठ बोल रहा है या बताना नहीं चाहता। अधिकांश लोग मैथुन को गलत निगाह से देखते हैं। लिहाजा जो पुरुष मैथुन करते हैं वो अपनी बात लोगों से बताने में झिझकते हैं और फिर कोई दोस्‍त ही क्‍यों न पूछे उनका जवाब नहीं में ही होता है।

5. मुझे ओरल सेक्‍स नहीं पसंद

किसी भी पुरुष से अगर यह सवाल करें कि उन्‍हें ओरल सेक्‍स कैसा लगता है, अगर जवाब नहीं में मिले तो भी वो झूठ बोल रहा हे। क्‍योंकि कामसूत्र की किताब कहती है कि पुरुषों को ओरल सेक्‍स सबसे ज्‍यादा पसंद होता है और वो उसके लिए हमेशा उत्‍सुक रहते हैं।

सेक्‍स में छिपा है स्‍वस्‍थ्‍य जीवन

आमतौर पर शादी-शुदा युगल अपने परिवारिक और व्‍यवसायिक जीवन में इस कदर मशगूल हो जाते हैं, कि उन्‍हें अपने स्‍वास्‍थ्‍य का ध्‍यान ही नहीं रहता। कुछ साल बीत जाने के बाद पति को सांस फूलने, शरीर में दर्द, हाईपरटेंशन आदि की शिकायत रहने लगती है और पत्‍नी को कमर दर्द, सिर दर्द, या लो ब्‍लड प्रेशर की शिकायत। लेकिन क्‍या आप जानते हैं आपकी बेहतरीन सेक्‍स लाइफ आपको स्‍वास्‍थ्‍य जीवन प्रदान कर सकता है। 

हाल ही में हुए एक शोध में यह पाया गया है कि सेक्‍स तमाम रोगों की दवा भी है। शोध के मुताबिक सेक्‍स करने वाले लोग अन्‍य लोगों के मुकाबले ज्यादा फिट रहते हैं। लेकिन इसके लिए जरूरी है सेक्‍स लाइफ से संतुष्‍टी। यही नहीं चाहे पुरुष हो या महिला अच्‍छी सेक्‍स लाइफ सौंदर्य को बरकरार रखने में भी महत्‍वपूर्ण योगदान देती है।

सेक्‍स के दौरान उत्‍पन्‍न हार्मोन्‍स का कारनामा

चिकित्‍सकों के मुताबिक सेक्स के दौरान शरीर में अनेक प्रकार के हार्मोन उत्पन्न होते हैं। यही हार्मोन आपके शरीर को स्‍वस्‍थ्‍य रखने में मदद करते हैं। पहला हार्मोन है 'एस्ट्रोजन हार्मोन' जो ऑस्टियोपोरोसिस नाम की बीमारी से रोकता है। दूसरा 'एस्ट्रोजन हार्मोन', जो एक अनोखे सुख की अनुभूति कराता है। इससे व्‍यक्ति का तनाव कम होता है। यदि ब्‍लड प्रेशर ज्‍यादा या कम है, तो वो भी नियंत्रित हो जाता है। यही हार्मोन है जो नियमित सेक्‍स करने वाले व्‍यक्ति में उत्‍साह, उमंग और आत्‍मविश्‍वास भर देता है।

तीसरा सबसे महत्‍वपूर्ण 'एंडार्फिन हार्मोन' होता है, जिसकी मात्रा सेक्‍स के दौरान बढ़ जाती है। ऐसा होने पर पर त्वचा में निखार आता है। त्‍वचा सुंदर, चिकनी व चमकदार बनती है। खास तौर पर स्त्रियां सेक्‍स के बाद काफी तरोताजा महसूस करती हैं। उनके चेहरे पर चमक आ जाती है, जो लंबे समय तक बरकरार रहती है।

दिन भर के तनाव की दवा 

यही तीन हार्मोन हैं जो सफल व नियमित सेक्स करने वाले दंपतियों को स्वस्थ रखने में योगदान देते हैं। ऐसा तभी होता है जब काम से थक हारकर घर आने के बाद पति की रात अच्‍छी बीतती है। सेक्‍स के बाद यदि दिन भर का तनाव कम होता है, तो उसे नींद भी अच्‍छी आती है और अच्‍छी नींद हमेशा से स्‍वास्‍थ्‍य को बेहतर बनाती है।

वैज्ञानिकों के मुताबिक सेक्स के समय फेरोमोंस नामक रसायन शरीर में एक प्रकार की गंध उत्पन्न करता है। यह गंध पुरुष व महिला दोनों को उत्‍तेजित करता है और दोनों को एक दूसरे के करीब लाने में मजबूत करता है। खास बात यह है कि सेक्स परफ्यूम का काम करने वाली यह गंध दिल व दिमाग को असाधारण सुख व शांति देता है। इससे व्‍यक्ति हृदय रोग, मानसिक तनाव, रक्तचाप और दिल के दौरे दूर रखता है।

सेक्‍स एक व्‍यायाम 

असल में संभोग भी एक प्रकार का व्‍यायाम है। इस व्‍यायाम से शरीर की मांसपेशियों के खिंचाव दूर होता है और शरीर लचीला बनता है। एक बार की संभोग क्रिया, किसी थका देने वाले व्यायाम से ज्‍यादा असरदार होता है। 30 मिनट का सेक्स आपकी 200 कैलोरीज कम करता है। सेक्स से महिलाएं 10.2 प्रतिशत और पुरुष 7.4 प्रतिशत तक फैट कम कर सकता है।

नियमित सेक्‍स के फायदे

-सेक्स महिलाओं के पेट, पैर और पूरे फिगर को फिट रखता है।
-आपकी रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है। जो फ्लू आदि के इंफेक्‍शन से दूर रखती है।
-सेक्स आपके शरीर में इंसुलीन की मात्रा को कम नहीं होने देता। सेक्स से कैलोरी बर्न होती हैं, जो डाइबिटीज यानी मधुमेह से नहीं होने देतीं।
-नियमित सेक्‍स महिलाओं को माहवारी के विकारों से दूर रखता है।
-सेक्स से शारीरिक ऊर्जा खर्च होती है, जिससे कि चर्बी घटती है। मोटापा कम होता है।
-नियमित रूप से संभोग व्‍यक्ति को प्रोस्टेट कैंसर से दूर रखता है।
-सिरदर्द, माइग्रेन, दिमाग की नसों में सिकुड़न, हिस्टीरिया आदि दूर हो जाते हैं।
-सेक्स से व्‍यक्ति का कार्डियोवस्कुलर सिस्टम मजबूत होता है जो हृदय को मजबूत बनाता है।

मर्जी न होने पर भी सेक्स!

पिछली बार आपने कब सुना था कि कोई स्त्री सिर्फ इसलिए बिस्तर पर गई हो, क्योंकि उसे अपने पति की मर्जी पूरी करनी थी, या महज इसलिए कि उसे सेक्स में शामिल होना था।

बात चाहे पुराने समय की हो या आज की, हमेशा से बहस का मुद्दा रही है। जाहिर सी बात है कि यदि कोई कहता है कि 'अपने पति को खुश करना या उसकी मर्जी पूरी करना' स्त्रियों का कर्तव्य है, हमेशा बहस का विषय रहेगी।

किताब पर उठा विवाद

सेक्स पर अनुसंधान कर रही बेट्टीना अर्न्ड इसी टॉपिक पर काम कर रही हैं। उनकी पुस्तक 'The Sex Diaries: Why Women Go Off Sex and Other Bedroom Battles' में स्त्रियों को सुझाव दिया गया है कि यदि उनकी इच्छा न हो तो भी सेक्स के लिए बिस्तर पर जाएं।

उनकी इस किताब ने पिछले दिनों ऑस्ट्रेलिया में के सामाजिक और मीडिया जगत में हलचल पैदा कर दी। जैसा कि स्वाभाविक था, इस पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं सामने आईं। कुछ लोगों ने इस पर नाराजगी जताई तो कुछ ने कहा कि वे भ्रम फैला रही हैं।

नारीवादी विचारक बिफरे

नारीवादी अर्थशास्त्री और विक्टोरिया विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर प्र्यू हिम ने चिंता जताई कि कोई किताब सिर्फ अपने साथी को खुश रखने के लिए यौन संबंध रखने का विचार रख रही है। हिम कहती हैं, 'अगर औरतें यही सोचती हैं कि उन्हें अपने पार्टनर को हर कीमत पर खुश रखना है तो फिर मेरे कहने के लिए कुछ नहीं है, लेकिन अगर इस वजह से उनके आत्मसम्मान को ठेस पहुंचती है या ग्लानि का भाव पैदा होता है तो मैं इस किताब में कहे गए सुझाव की कहीं से भी सराहना नहीं कर सकती।'

आस्ट्रेलियाई नारीवादी इवा काक्स भी इस किताब के विरोध में खड़ी हो गई थीं। उनका कहना है कि बहुत सी महिलाएं बिस्तर पर आने के बाद सिर्फ सोना चाहती हैं। ऐसी स्थिति में उन्हें उनकी इच्छा के खिलाफ सेक्स में शामिल होने का सुझाव देना गलत है। पूरी शाम बच्चों को संभालने, रात का खाना तैयार करने, दुकान से सामना लाने, कपडे़ धुलने और बच्चों का होमवर्क कराने के बाद ज्यादातर औरतें इतनी थक जाती हैं कि उनमें रात आते-आते सेक्स के प्रति दिलचस्पी खत्म हो जाती है।

लेखिका बोली- मुझे गलत समझा...

दूसरी तरफ किताब की लेखिका ने अपने खिलाफ दिए गए सभी तर्कों को खारिज किया है। उनका मानना है कि उनके लेखन पर आपत्ति दर्ज कराने वाले दरअसल बात के मूल बिंदु से भटक रहे हैं।

उन्होंने अपने पक्ष में सफाई देते हुए कहा, 'मैं यह नहीं कर रही कि बिस्तर पर जाने के बाद औरतों को अपनी मर्जी के खिलाफ सेक्स करना ही करना है, या उन्हें अपना शरीर पार्टनर को इस तरह सौंप देना कि वह उसके साथ बिस्तर पर जो मर्जी हो वह करे। मैं इसे अन्य शब्दों में कुछ इस तरह कहना चाहूंगी कि यह ठीक पानी में उतरने की तरह है, यदि आपने खुद को पानी के भीतर हल्का छोड़ दिया तो तो आप खुद ही इस अनुभव को अपने लिए आनंददायक पाएंगी। सिर्फ इतना ही करिए और देखिए आपको कैसी अनुभूति होती है।'

अनुभवों का आधार

वे कहती हैं, 'यह सच है कि पुरुष जल्दी सेक्स में इन्वाल्व हो जाते हैं। मगर आपके बिस्तर पर जाने का मतलब सिर्फ संभोग करना नहीं है। आपस में खुशी बांटने के बहुत से तरीके एक्सप्लोर किए जा सकते हैं। पति-पत्नी दोनों एक ही रास्ते पर चलकर सेक्स की मंजिल तक पहुंचते हैं। बस, फर्क इतना है कि पुरुषों की तुलना में स्त्रियों का मन सेक्स से जल्दी उचटता है।'

दिलचस्प बात यह है कि बेट्टीना ने अपनी यह किताब उन 98 आस्ट्रेलियन दंपतियों की डायरियों को आधार बनाकर लिखी है जो या तो इस मामले में अनाड़ी थे या एक शांत मगर सेक्स रहित दांपत्य जीवन जी रहे थे।