Saturday, 16 April 2016

स्‍वप्‍नदोष को कैसे रोकें


युवाओं में स्‍वप्‍नदोष एक सामान्‍य समस्‍या है। यह हर उम्र के पुरुषों में देखने को मिलती है। इसमें कुछ भी असामान्‍य नहीं है। हालांकि, अगर आपको नियमित रूप से इस समस्‍या का सामना करना पड़ रहा है, तो आपको सचेत होने की जरूरत है। इससे सेहत पर तो असर पड़ता ही है साथ ही मानसिक रूप से भी दबाव काफी बढ़ जाता है। कई पुरुषों को इस बात को लेकर संशय रहता है कि आखिर वे स्‍वप्‍नदोष की इस समस्‍या से कैसे बचें। हालांकि इस बात के कोई पुख्‍ता सबूत नहीं हैं, लेकिन स्‍वप्‍नदोष से थकान, अंडकोष में दर्द, कमजोर स्‍खलन और शीघ्रपतन जैसी समस्‍यायें हो सकती हैं।

विशेषज्ञ अभी तक स्‍वप्‍नदोष के कारणों को लेकर आश्‍वस्‍त नहीं हैं। हालांकि, हस्‍तमैथुन और कामुक विचारों को इसके लिए उत्‍तरदायी माना जाता है। कई लोग स्‍वप्‍नदोष से बचने के लिए हस्‍तमैथुन कम करने की सलाह दी जाती है। इसके साथ ही कुछ घरेलू उपाय भी हैं, जिनसे इस समस्‍या को नियंत्रित करने का दावा किया जाता है। कुदरती उपायों का आमतौर पर आपके शरीर पर कोई बुरा असर नहीं होता और इनका असर भी प्रभावी होता है।

महीने में दो या तीन बार स्‍वप्‍न दोष होना सामान्‍य है। लेकिन, अगर यह समस्‍या इससे ज्‍यादा बार होती है, तो कुछ गड़बड़ होने की आशंका है।
शीघ्र पतन को भी स्‍वप्‍नदोष की समस्‍या से जोड़कर देखा जा सकता है।

कुछ गंभीर मामलों में स्‍वप्‍नदोष से पीडि़त लोगों को संभोग के दौरान लिंग निष्‍क्रिय होने की समस्‍या हो सकती है। हालांकि अभी तक इस समस्‍या से जुड़ी कोई पुख्‍ता जानकारी नहीं है। लेकिन, अधिकतर जानकार इसके पीछे अधिक कामुक विचारों को ही जिम्‍मेदार मानते हैं।
जब कई दिन तक लगातार ऑर्गेज्‍म हो जाए और लिंग को आराम करने का मौका न मिले, तो स्‍वप्‍नदोष हो सकता है।

स्‍वप्‍नदोष से कैसे बचें
कई जानकार मानते हैं कि सोने से पहले हस्‍तमैथुन करने से भी स्‍वप्‍नदोष से बचा जा सकता है। हालांकि, इस बात को लेकर विशेषज्ञों में एकराय नहीं है।
रोजाना व्‍यायाम करने से भी शारीरिक ऊर्जा का सही इस्‍तेमाल होता है और आप स्‍वप्‍नदोष से बच सकते हैं।
हालांकि, इस टिप को ज्‍यादातर विशेषज्ञ नकारते हैं, लेकिन सेक्‍स के बारे में न सोचकर और हस्‍तमैथुन की संख्‍या कम करके भी इस समस्‍या से बचा जा सकता है।
इसके साथ ही आपको सही आहार भी लेना चाहिये। विटामिन बी से भरपूर आहार लेने से भी आप इस समस्‍या से बच सकते हैं।
अपने सोने और उठने का समय भी निर्धारित करें।
अपने मन को शांत रखिये और किताबें पढ़कर, संगीत सुनकर और दोस्‍तों से बातें कीजिये और स्‍वयं को व्‍यस्‍त रखें।

स्‍वप्‍नदोष से बचने के कुदरती उपाय
रोजाना आंवले का मुरब्बा खायें और उसके ऊपर से गाजर का रस पिएं।
तुलसी की जड़ के टुकड़े को पीसकर पानी के साथ पियें। इससे लाभ होगा।
अगर जड़ नहीं मिले तो बीज 2 चम्मच शाम के समय लें।
काली तुलसी के पत्ते 10-12 रात में जल के साथ लें।
लहसुन की दो कली कुचल कर निगल जाएं। थोड़ी देर बाद गाजर का रस पिएं।
मुलहठी का चूर्ण आधा चम्मच और आक की छाल का चूर्ण एक चम्मच दूध के साथ लें।
रात को एक लीटर पानी में त्रिफला चूर्ण भिगा दें सुबह मथकर महीन कपड़े से छानकर पीने से भी लाभ होता है।
अदरक रस 2 चम्मच, प्याज रस 3 चम्मच, शहद 2 चम्मच, गाय का घी 2 चम्मच, सबको मिलाकर सेवन करने से स्वप्नदोष तो ठीक होगा ही साथ मर्दाना ताकत भी बढ़ती है।

सेक्स में छिपे हैं स्वास्थ्य के सूत्

अनुसंधानों द्वारा यह साबित हो चुका है कि सेक्स स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है। यह अनेक बीमारियों का ऐसा इलाज है जो न सिर्फ आनंददायक है वरन उत्साहवर्धक भी है। इससे विभिन्न तरीकों से लाभ पहुंच सकता है।



आयु बढ़ती है:
जो लोग नियमित रूप से सहवास करते हैं और जिनके मन में इसको लेकर किसी तरह की आशंकाएं नहीं हैं, वे उन लोगों की अपेक्षा ज्यादा लंबी आयु पाते हैं जो महीने में एक बार सेक्स क्रिया करते हैं।


युवा लगते हैं:

ऐसे दंपति जो हफ्ते में तीन बार सेक्स क्रिया करते हैं, वे उन लोगों की अपेक्षा ज्यादा युवा लगते हैं जो कभी-कभी इसे करते हैं या बिलकुल ही नहीं करते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि इस प्रक्रिया में जो ऊर्जा लगती है उससे ऑक्सीजन का स्तर बढ़ता है, रक्त प्रवाह का संचार त्वचा में प्रवाहित होता है और त्वचा की नई कोशिकाएं बनती हैं। इससे त्वचा में एक आभा उत्पन्न होती है, वह चमकने लगता है। इसके अतिरिक्त ऐसी महिलाएं जिनको मेनोपॉज हो चुका है अगर सहवास क्रिया करती रहती हैं, उन्हें गर्मी या पसीना आने की शिकायत नहीं रहती है। न ही ऐसी महिलाओं पर आयु का ज्यादा प्रभाव पड़ता है।


मजबूत होती हैं हड्डियां:

'इंक्रीज योर सेक्स ड्राइव' के लेखक डॉ. सराह ब्रीवर के अनुसार, 'नियमित रूप से सहवास करने से एस्ट्रोजन लेवल बढ़ जाता है जिससे महिलाएं ओस्टियोपॉरिसिस या हड्डियों के रोग से पीडि़त नहीं होती हैं।'


सुखद नींद:

सेक्स के दौरान ऑक्सीटॉसिन हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है जिसका इतना सुखद असर पड़ता है कि आप चैन की नींद सो जाती हैं। पुरुषों पर इसका ज्यादा प्रभाव पड़ता है इसीलिए वे सहवास क्रिया के बाद बात करने के बजाय सोना पसंद करते हैं।


 तनाव खत्म हो जाता है:

सेक्स क्रिया के दौरान एंड्रोफस नामक एक हार्मोन शरीर से निकलता है जिसके कारण आप तनावमुक्त महसूस करती हैं। उस दौरान फिनीलेथलमाइन रसायन का स्त्राव होता है जिससे स्वस्थ होने की भावना उत्पन्न होती है। प्यार भरे रिश्ते में की गई सहवास क्रिया मन में एक उत्साह भर देती है कि कोई आपको प्यार करता है, आपकी परवाह करता है। आप ज्यादा समय खुश रहती हैं। खुशी ही तनावमुक्त रहने का सबसे कारगर उपाय है। मैक्स हेल्थ केयर सेंटर की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. नीलांजना के अनुसार, 'सेक्स के दौरान चूंकि एक निश्चिंतता होती है इसलिए पति-पत्‍‌नी दोनों ही तनावमुक्त महसूस करते हैं। हृदय गति बढ़ने से शरीर और मन में एक स्फूर्ति महसूस होती है।'


दर्द निवारक:

एंड्रोफिंस हार्मोन प्राकृतिक दर्द निवारक के रूप में कार्य करता है। बढ़ते हुए एस्ट्रोजन स्तर से प्री-मेन्सट्रुअल सिंड्रोम और मासिक स्त्राव के समय होने वाली परेशानियों से बचा जा सकता है। इससे अनियमित मासिक चक्र भी नियमित हो जाता है। अध्ययनों से पता लगा है कि सहवास करने से आर्थराइटिस से पीडि़त महिलाओं को भी आराम मिलता है। इससे होने वाली अनुभूति से सिरदर्द और माइग्रेन तक दूर हो जाता है। इसलिए अगली बार सिरदर्द होने का बहाना बनाकर इससे बचने की कोशिश न करें। सर्दी-जुखाम भी इससे दूर हो जाता है।





शक्ति बढ़ती है:

ऑर्गेज्म के दौरान ताजा खून सारे शरीर में फैल जाता है, यहां तक कि दिमाग में भी। इससे उस क्षेत्र में रक्त संचार बढ़ जाता है। सर्वेक्षणों से पता चला है कि इससे मस्तिष्क की कार्यक्षमता बढ़ने से वह ज्यादा कठिन काम कर सकता है। विभिन्न हार्मोन मानसिक शक्ति में बढ़ोतरी करते हैं।


व्यायाम भी है:

एक तरफ जहां व्यायाम करने से आपके सेक्स जीवन में सुधार आता है वहीं यह खुद एक प्रभावशाली व्यायाम है। सेक्स मांसपेशियों की टोनिंग करने में मदद करता है। तीस मिनट की सेक्स प्रक्रिया के दौरान एक आम व्यक्ति की करीब दो सौ कैलोरी खर्च होती हैं। यानी अगर आप प्रतिदिन इसे करते हैं तो हर दो हफ्ते बाद आपका आधा किलो वजन घट सकता है। अगर आप एक साल तक हफ्ते में तीन बार इसे करते हैं तो यह दो सौ किलोमीटर दौड़ने के बराबर होता है।





हृदय रोग से बचाव:

हृदय रोग विशेषज्ञ मानते हैं कि हफ्ते में तीन बार कम से कम बीस मिनट तक सेक्स क्रिया करने से हार्ट अटैक होने का खतरा कम हो जाता है। इससे हृदय गति में भी सुधार होता है। अपोलो अस्पताल की मनोवैज्ञानिक डॉ. एकता सोनी के अनुसार, 'जब मानसिक स्थिति ठीक रहती है तो व्यक्ति सकारात्मक दिशा में सोचता है। पति-पत्‍‌नी को जब यह महसूस होता है कि दोनों को एक-दूसरे की जरूरत है तो वे डिप्रेशन के शिकार नहीं होते। इससे निजी संबंध भी पुख्ता होते हैं।' 

Tuesday, 22 March 2016

Shighrapatan ko rokne ke liye Natural tarike

Agar koi purush khud ko sex ke dauran virya ke  jaldi nikal jane se nahi rok sakta hain to usay Shighrapatan kaha jata hain. Aise mein vah apne partner ko pura enjoy nahi kara pata hain.  Shighrapatan ki samsya badhti umar ke purusho mein sabse jyada hoti hain. Halaki yeh La-ilaj nahi hain, Lekin isse pidit purush depression ka shikar ho jate hain.


Agar koi purush is samsya se grasit hain to usay doctor ke samne khul kar is samsya ke baare mein batana chahiye. Is samsya ke hone ka matlab bilkul yeh nahi hain ki aapki sex life barbad ho gyi hain. Vaise kai gharelu nuskhe bhi hain jo aapko is samsya se nijat dila sakte hain.


Shigharpatan ke ilaj ke liye desi nuskhe :- 

1. Pyaz :- Pyaz mein aise gun hote hain jo sharir ki yaun samsyaon ko door karte hain. Hara aur samanya pyaz dono hi tarah ke pyaz faydemand hote hain. Hare pyaaz ke beej ko ek glass paani mein gholkar pee jaye. Ise bhojan karne se pahle le, Isse sharir mein takat aati hain. Kaccha pyaz jyada khaye.


2. Ashvagandha :- Ashavgandha ek prachin aushadhi hain jo ki Bharat mein kai varsho se parchlit hain. Isse kai prakar ke  yaun samsyaen door hoti hain. Is herb ke sewan se Libido ki matra badh jati hain jo shighrapatan mein aaraam dilwata hain. Iske sewan se sharirik majbooti aati hain aur Napunsakta door hoti hain.


3. Adrak aur Shahad : - Adrak, Sharir mein garmi lati hain aur blood circulation sahi rakhta hain. Ek chammach Adrak paste le aur ise Shahad ke saath chaat jaye. Chahe to aap Doodh bhi mila sakte hain. Isse labh milta hain. Aisa sone se pahle aap ise kare.

4. Bhindi :- Bhindi se bana powder, Shighrapatan ki samsya mein Ramban hota hain. Iske 10 Gram powder ko lekar 1 glass milk mein gholkar pee jaye. Aap chahe to isme 2 chammach Shakkar bhi daal sakte hain. Ise aap rojana raat ko piye. Aisa ek mahine tak lagatar kare, Aapko fayda hoga.

 5. Kaccha Lahsun :- Kaccha Lahsun purusho mein hone wali kai samsyaon ko door karta hain. Din mein 4 kaliya chabaye. Isse is samsya se jald chhutkara milega. Aap chahe to Lahsun ki kali ko Gaay ke Desi Ghee mein fry karke kha sakte hain.


6. Gajar aur Anda :- 2 Gajar kaate aur usme ek ubla Anda milaye. Isme 1 Chammach Shahad dale. Ise rojana 3-4 Mahine tak khaye. Aapko apne sex ke dauran thoda-thoda fark mahsoos hoga. Agar ek baar Shighrapatan ki samsya niyantrit ho jati hain to aapko is upchar ko kam kar dena chahiye.


7. Prakritik kamottejak : - Prakritik kaamottejak , aapki kaameksha mein sudhar la sakta hain aur aapko shighrapatan ki samsya se aaram dila sakta hain. Agar aap Shighrapatan ki samsya se joojh rahe hain to Prakritik Kaamotejak ke roop mein Gajar, Kela, Saunf, Ajwain, Lahsun, Adrak aadi khaye.


8. Castor Oil :- Purusho mein shighrapatan ki samsya, Prostate se related hoti hain. Prostate ki samsyaon ko control karne ke liye Castor Oil Yani ki Erand ka Tel (Redi ka Tel) ka upyog karna labhdayak hota hain. Ise penis ke upari hisse par acchi tarah se tel laga kar malish karne se shighrapatan door ho jati hain.

Sunday, 14 February 2016

कैसे कम करें ब्रेस्ट का आकार

ब्रेस्ट सही आकार में ना होने के कारण आत्मविश्वास होता है कम।
ब्रेस्ट साइज में बदलाव के लिए ब्रेस्ट सर्जरी भी काफी चलन में है।
अर्द्ध चक्रासन के नियमित अभ्यास से ब्रेस्ट साइज हो सकता है कम।
पुश-अप, स्‍विमिंग, जौगिंग तथा चेस्‍ट फ्लाइ व्यायाम भी हैं कारगर।

स्त्री के सौंदर्य को बनाये रखना हो या शिशु को जीवन पान कराना, उनके स्तन की विशेष भूमिका होती है। क्योंकि स्तन यदि ढीले, कमजोर या अधिक बड़े हों, तो उसकी शरीरिक सुंदरता कम होती है। वहीं यदि स्तन आकर्षक, पुष्ट और प्राकृतिक रूप से सुडौल हों तो वह नारी की सौंदर्यता को और अधिक निखार देते हैं। स्वास्थ्य की दृष्टी से भी बहुत बड़े स्तन ठीक नहीं होते। इस लेख में हम आपको बता रहे हैं कि आप जरूरत से बड़े स्तनों का आकार कैसे कम कर सकती हैं।



आप सुंदर कपड़े और शर्ट पहनना चाहती हैं। पर आपके ब्रेस्ट सही आकार में ना होने के कारण आपको ऐसा करने में तकलीफ होती है। कई बार जरूरत से ज्यादा बड़े ब्रेस्ट होने से महिलाओं को कपड़े सही फिट नहीं आते। ऐसे में ब्रेस्ट को लिफ्ट देकर इस समस्या से निजात पाई जा सकती है। शर्मिंदगी के कारण ज्यादातर महिलाएं इस बारे में बात नहीं करतीं, जिस कारण कई बार स्तन कैंसर, पीठ दर्द, त्वचा पर चकते और एलर्जी जैसी समस्याओं के होने का खतरा भी बढ़ जाता है।





यूं तो आजकल ब्रेस्ट के साइज में किसी तरह का बदलाव करने के लिए ब्रेस्ट सर्जरी भी काफी चलन में हैं। लेकिन ब्रेस्ट वसा ऊतकों से बने होता हैं। इसलिए आप अपने ब्रेस्ट के आकार को कम करने के लिए सर्जरी के बजाय वजन घटाने के कार्यक्रमों या एक्ससाइज का सहारा भी ले सकती हैं। अगर आपके ब्रेस्ट छोटे है, तो आप अपने जीवन शैली में कुछ परिवर्तन करके इनका आकार सही कर सकती हैं।



नारी और स्तन
नारी वक्ष की दो अहम कार्य होते हैं, पहला शिशु का पोषण (दुग्धपान) तथा दूसरा यौनाकर्षण। व्यवहारविदों की मानें तो नारी स्तनों की यौनाकर्षण वाली भूमिका ही ज्यादा महत्वपूर्ण होती है। पूरे नर वानर समुदाय अर्थात प्राइमेट्स में मानव मादाएं ही इतने उभरे अर्द्धगोलाकार मांसल स्तनों वाली होती हैं। इससे यह साफ होता है कि मानव जाति में मादा के स्तनों की भूमिका केवल शिशु पोषण देने वाली ही नहीं है।

बड़े स्तनों के कारण
बड़े स्तन होने के कई कारण हो सकते हैं। मोटापे की वजह से भी ऐसा होता है, या फिर यह समस्या वंशानुगत भी हो सकती है। कभी-कभी शरीर में एस्‍ट्रोजन का लेवल हाई हो जाने के कारण भी ऐसी समस्‍या आ जाती है। लेकिन ब्रेस्‍ट साइज को कम करने के लिये कुछ सिंपल एक्‍सर्साइज, योग किये  जा सकते हैं, या फिर कुछ नुस्खे भी अपनाए जा सकते हैं।

स्तनों का आकार कम करने के तरीके


एक्सरसाइज
स्तन बहुत से फैटी टिशू से मिलकर बना होता है, जिनको कम करके आप अपने स्तनों को कम कर सकती हैं। इसके लिए सही कसरत करना बहुत जरूरी होता है। शरीर की वसा को घटा कर आप अपने स्तनों को आराम से कम कर सकती हैं। आपको दौड़ने, साइकलिंग, सीढि़यां चढ़ने और स्‍विमिंग करने जैसी कैलोरी बर्न करने वाली एक्‍सर्साइज करनी चाहिए। इसके लिए आपको नियमित रूप से पुश-अप एक्‍सर्साइज, स्‍विमिंग, जौगिंग तथा चेस्‍ट फ्लाइ जैसे व्यायाम करने होंगे।

लेकिन ध्यान रहे जब भी आप व्यायाम करें तो स्पोर्ट्स ब्रा जरूर पहने। क्योंकि हम जैसे-जैसे मूवमेंट करते हैं, स्तन भी वैसे ही मूवमेंट करते हैं, इसलिए बिना सही सपोर्ट के व्यायाम करने से स्तनों में दर्द हो सकता है। साथ ही इसके लिगामेंट को भी नुकसान पहुंच सकता है और त्वचा ढीली पड़ सकती है।



योग की मदद लें
अपने बेस्ट के आकार को कम करने के लिए आप योग का सहारा ले सकती हैं। इसके लिए नियमित रूप से अर्द्ध चक्रासन मुद्रा बेहद मददगार साबित होती है।




अर्द्ध चक्रासन कैसे करें



•    सीधे खड़े होकर अपने हाथों को एक साथ ऊपर की तरफ फैला दें।

•    अपने हथेलियों की मुटठी बांध ले।

•    अपनी हथेलियों को एक साथ शामिल करके अपनी कलाई को मजबूत करें।

•    अपने शरीर को ऊपर की ओर खींचे, अपने कंधों को सुनिश्चित करके अपने कान को छूए।

•    गहरी सांस ले, अपने शरीर को कूल्हों के सहारे ऊपरी की ओर पुश करें।

•    साथ ही अपने घुटनों को मोड़े। यहं आसन एक या दो मिनट के लिए करें।






कार्डियो, एरोबिक्स करें
आपको अपने ब्रेस्ट के आकार को कम करने के लिए अपने शरीर से अतिरिक्त वसा कम करनी होगी। अच्छी तरह के आकार और छोटे ब्रेस्ट के लिए एरोबिक्स करें। बहुत भारी वजन न उठाएं, ये आपके मांसपेशियों के भारीपन को कम नहीं करता, बल्कि मांसपेशियों को टोन करता है। यदि आप जिम नहीं जाना चाहतीं तो घर पर ही आसान से कार्डियो एक्ससाइज कर सकती हैं। जॉगिंग करें, ब्रेस्ट के आकार को कम करने के लिए यह एक अच्छा उपाय है। साथ ही घूमना भी एक अच्छा तरीका होगा। 30 मिनट या एक दिन में 20 मिनट जॉगिंग या तेज चलना भी आपके ब्रेस्ट से अतिरिक्त वसा को कम करने में मदद करता है।  साथ ही 25 मिनट तक एरोबिक्स करना भी ब्रेस्ट के आकार को कम करने में मददगार साबित हो सकता है।





स्तनों का बढा आकार कम करने के लिए आपको व्यायाम के साछ अपने खान-पान पर भी ध्यान देना होगा। बहुत अधिक फैटी फूड खाने से व भोजन में अनियनिता के कारण भी स्तनों का आकार बढ़ सकता है।

Monday, 8 February 2016

सेक्‍स लाइफ प्रभावित करती है साइकिल!

यदि आप साइकिल खरीदने जा रहे हैं तो जरा सोच समझ कर फैसला करिएगा। क्‍योंकि गलत साइकिल आपकी सेक्‍स लाइफ को प्रभावित कर सकती है। यह बात कोई और नहीं बल्कि एक भारतीय वैज्ञानिक द्वारा हाल ही में किए गए एक अध्‍ययन में सामने आयी है। 

लंदन के होमेरटन अस्‍पताल में बतौर यूरोलॉजिस्‍ट कार्यरत विनोद नरगंद नाम के भारतीय वैज्ञानिक के अध्‍ययन के मुताबिक गलत साइकिल पुरुषों में यौन संबंधी विकार पैदा कर सकती है। यही नहीं इससे उनके गुप्‍तांग के पास त्‍वचा संबंधी रोग हो सकते हैं और मूत्र निकास में समस्‍या आ सकती है। 

अध्‍ययन में पाया गया है कि इसमें साइकिल की गद्दी की अहम भूमिका होती है। चूंकि साइकिल चलाते वक्‍त पुरुषों के गुप्‍तांग का सीधा संपर्क गद्दी से होता है। ऐसे में गद्दी ठीक नहीं होने पर उस जगह पर रक्‍त संचार धीमा पड़ जाता है। उसकी वजह से उनके शुक्राणुओं में परिवर्तन हो सकता है। 

ज्‍यादा देर तक साइकिल चलाने से गुप्‍तांग के ठीक नीचे बहुत अधिक ऊर्जा पैदा हो जाती है, जिस वजह से ऐसा पुरुषों में ऊसरता उत्‍पन्‍न होने का खतरा होता है, यानी वे इनफटाइल हो सकते हैं। ज्‍यादा ऊबड़ खाबड़ सड़क पर तेज साइकिल चलाने से शुक्र ग्रंथी में विकार उत्‍पन्‍न हो सकते हैं, जो कि सीधे तौर पर व्‍यक्ति की सेक्‍स लाइफ को प्रभावित करता है। 

अध्‍ययन में पुरुषों को यह सलाह दी गई है कि साइकिल का चयन करने से पहले वो उसकी गद्दी को ठीक तरह चेक कर लें। गद्दी ज्‍यादा ठोस नहीं होनी चाहिए। साइकिल की गद्दी आपके कद के मुताबिक होनी च‍ाहिए, ज्‍यादा ऊंची गद्दी पर बैठने से पैडल और जमीन तक पैर पहुंचने में दिक्‍कत होती है। उस दशा में व्‍यक्ति नीचे की ओर ज्‍यादा दबाव डालता है, जिस वजह से विकार उत्‍पन्‍न होने का खतरा होता है।

रूटीन सेक्स लाइफ से अलग रोमांच

भले ही भारतीय सेक्स एक्सपर्ट वात्सायन ने इसके बारे में कुछ न लिखा हो, मगर विशेषज्ञों का मानना है कि यदि दंपति इसमें सही तरीके से दिलचस्पी लें तो यह आपकी सेक्स लाइफ को कई गुना बेहतर बना सकता है। तो आइए इस बार आपको ले चलतें हैं यौन संबंधों यानी 'इंटरकोर्स' के विपरीत बाह्य यौन संबंधों 'आउटरकोर्स' की दिलचस्प दुनिया में।

कई बार अलग-अलग वजहों से लोग यौन संबंध बनाने से बचते हैं। ऐसी स्थिति में बाहरी यौन क्रीड़ा न दंपति के लिए न सिर्फ ज्यादा सेक्सी, ज्यादा अंतरंग साबित होती है बल्कि यह उन्हें एक दूसरे के ज्यादा करीब लाती है। विशेषज्ञों के मुताबिक इसे हर स्थिति में आजमाया जा सकता है, चाहे आप असुरक्षित यौन संबंधों से बचना चाहते हों, चाहे अपने निष्क्रीय यौन जीवन में नया जोश फूंकना चाहते हों या फिर उसमें किसी नए रोमांच की तलाश में हों।

क्या है यह आउटरकोर्स? 

अब आइए जानते हैं कि आउटरकोर्स या बाह्य यौन क्रीड़ा का अर्थ क्या है? दरअसल इस शब्द के भीतर सामान्य सेक्स, एनल सेक्स और ओरल सेक्स को छोड़कर सभी सेक्स संबंधी गतिविधियां शामिल हैं, जिनके जरिए पार्टनर एक-दूसरे को संतुष्ट कर सकते हैं। पिछले दिनों फाक्स न्यूज की तरफ से जारी एक रिपोर्ट में इसे इसलिए भी आदर्श ठहराया गया क्योंकि यह गर्भावस्था के दिनों तथा सेक्स संबंधी संक्रमण के मामले में पूरी तरह से जोखिम रहित है।

यदि आप इस बारे में और जानकारी हासिल करने में दिलचस्पी रखते हैं तो आउटरकोर्स आपकी सेक्स लाइफ को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा। जहां आप संभोग के चरम सुख जैसा आनंद उठा पाएंगे।

यह भले ही कम चर्चा का विषय हो मगर हर कोई सेक्स के दौरान इस प्रक्रिया से गुजरता है, यदि विक्टोरिया बैकहम इसका आनंद उठा सकती हैं तो फिर आप क्यों नहीं?

बाहरी यौन क्रीड़ा दपंति को एक-दूसरे के और ज्यादा करीब लाती है। जहां यह नए प्रेमियों मे एक दूसरे के प्रति भरोसा पैदा करता है वहीं पुराने दंपति इसकी मदद से अपनी सेक्स लाइफ को फिर से रोमांचक बना सकते हैं।

आइए जानें वो कौन से तरीके हैं जिनकी मदद से आप बिना परंपरागत सेक्स में लीन हुए कुछ रोमांचक पल गुजार सकते हैं।

कामुक बातचीतः अपनी रातों को चटपटा बनाने का सबसे आसान तरीका यही है। रोजमर्रा की घिसीपिटी बातों एक किनारे करें। एक बार इसे आजमाइये और देखिए यह आपके और आपके पार्टनर के लिए कितना रोमांचक हो सकता है। इस किस्म की बातचीत के दौरान यह याद रखें कि रात जवान है और आपको एक लंबा रास्ता तय करना है. आप देखिए कि सेक्सी बातों की पर्तें कैसे एक के बाद एक खुलती चली जाती हैं।

सेक्सी कहानियां सुनानाः यदि आप चाहें तो साथ बैठकर किसी इरोटिक स्टोरी का आनंद ले सकते हैं। नहीं तो अपनी कल्पनाशक्ति को जगाइए। अपने साथी को सुनाइए एक रोमांच से भरी सेक्सी कहानी। उसमे थोड़ा रियालिटी का तड़का लगाएं। अपनी पार्टनर से कहिए कि वह अपने किसी कॉलेज फ्रैंड या आफिस के सहकर्मी के साथ काल्पनिक रोमांस या सेक्स करने की कहानी सुनाए, फिर देखिए उसकी कल्पनाओं की उड़ान किस तरह से आपको और आपकी पार्टनर को रोमांचित करती है।

सिर्फ चुंबनः विशेषज्ञों का कहना है कि चुंबन अपने आप में किसी भी यौन क्रिया जितना उन्माद से भरा हुआ है। यह आपके लिए एक-दूसरे के शरीर से खेलने की अंतहीन शुरुआत हो सकती है। होठ, कान और गर्दन से आरंभ करें और आगे बढ़ते जाएँ, निश्चय ही आपके लिए यह एक न भूलने वाला अनुभव होगा।

इरोटिक मसाजः इसके लिए आपको मसाज का एक्सपर्ट होना जरूरी नहीं है। मगर आपके हाथों का संवेदना से भरा स्पर्श आपके पार्टनर की संवेदन तंत्र में प्यार की चिंगारिया पैदा करने के लिए पर्याप्त होगा। आप इस दौरान अपने साथी के शरीर के हर अंग से परिचित हो सकेंगे। यह जान सकेंगे कि आपका स्पर्श उसमें कब और कितना गहरा उन्माद पैदा करता है।

स्ट्रिपटीजः इसके लिए आपको चाहिए सिर्फ एकांत भरे कुछ क्षण और मधुर संगीत, बस। अपने एकरसता से भरी दिनचर्या को किनारे रखिए। पार्टनर के कहें कि वह उन सेंसुअस कपड़ों में आपके सामने आए, जिनमें उसे देखने की आप कल्पना करते हैं। यह आपके लिए खासा रोमांचक होगा कि वह इन कपड़ों मे कैसी लगती है, या उस वक्त जब वह इन्हें एक-एक करके आपके सामने उतारे। बस इतना ध्यान रखें कि आपके आसपास ताकझांक करने वाले पड़ोसी न हों।

सेक्स प्रोडक्ट्सः ये प्रोडक्ट अथवा सेक्स ट्वाएज दरअसल आउटरकोर्स को ध्यान में रखकर ही बनाए जाते हैं। इनकी मदद से आप कई घंटे एक-दूसरे के साथ बड़ा ही दिलचस्प समय गुजार सकते हैं। भारत में अभी सेक्स ट्वाएज को लेकर ज्यादा खुलापन नहीं है मगर महानगरों में बहुत से दंपति अब इससे अपरिचित नहीं रहे।

हस्तमैथुनः यह सिर्फ अकेले में खुद की सेक्लुअल संतुष्टि का माध्यम नहीं है। आप अपने पार्टनर के साथ इस आजमाकर देखें। यह ज्यादा उत्तेजक और आनंददायक अनुभव बन जाएगा। इसे आप के दूसरे के शरीर की मालिश के दौरान भी आजमा सकते हैं।

स्नानः ठंडा पानी भी आपकी भावनाओं को भड़का सकता है। सिर्फ शावर के नीचे एक-दूसरे के साथ नग्न खड़े हों। पानी के साथ एक-दूसरे के शरीर का स्पर्श आपके लिए बेहद उत्तेजक होगा।

कुल मिलाकर ये तरीके न सिर्फ उन लोगों के लिए दिलचस्प हैं जो सेफ सेक्स चाहते हैं। इसके अलावा जो दंपति अपनी रूटीन सेक्स लाइफ से उकता गए हों उनके लिए भी यह एक नया अनुभव होगा। उम्मीद है कि अब तक आपने सोच लिया होगा कि आपके लिए सबसे दिलचस्प क्या है!

मैथुन से जुड़े कुछ महत्‍वपूर्ण तथ्‍य

कामसूत्र में संभोग की बात तो हर जगह की जाती है, लेकिन मैथुन की बात बहुत कम होती है। यह वो प्रक्रिया है, जिसमें इंटरकोर्स के बिना पुरुष या महिलाएं यौन सुख की चरम सीमा तक पहुंच सकते हैं। हम यहां बात करेंगे मैथुन से जुड़े कुछ ऐसे तथ्‍यों के बारे में जिनके बारे में शायद ही आपको पता होगा।

आपको यह जानकर आश्‍चर्य होगा कि सात साल का बच्‍चा भी मैथुन कर सकता है और कई लड़के करते भी हैं। आप सोच रहे होंगे कि 7 साल के बच्‍चे में वीर्य कैसे निकल सकता है। जी हां वीर्य तो नहीं निकलता, लेकिन उसे यौन अनुभव ठीक उसी प्रकार होता है, जैसा की बड़ों को। जबकि लड़कियों में मैथुन करने की प्रक्रिया टीन-एज में ही शुरू होती है।

हाल ही में हुए एक बड़े रिसर्च में पता चला है कि लड़के 7 साल की उम्र में ही अपने यौन अंग को स्‍पर्श कर मैथुन शुरू कर देते हैं। कुछ मामलों में यह उम्र 6 वर्ष भी पायी गई है। बात अगर लड़कियों की करें तो वो 16 साल की उम्र के बाद ही मैथुन करती हैं। ऐसा काफी कम लड़कियों में पाया गया है। इस दौरान लड़कों की तुलना में उनमें यौन सुखों के बारे में जानने की ललक ज्‍यादा होती है। ज्‍यादातर लड़कियां 20 वर्ष की आयु में ही मैथुन शुरू करती हैं।

रिसर्च के मुताबिक 80 प्रतिशत लड़के 16 से 20 वर्ष की आयु के बीच नियमित रूप से मैथुन करते हैं। हालांकि इस मामले में लड़कियों की संख्‍या उनसे आधी है। रिसर्च के मुताबिक 80 प्रतिशत लड़कियां इस उम्र में मैथुन के प्रयास जरूर करती हैं।

यह धारणा कि मैथुन करने वाली या नहीं करने वाली महिलाएं या पुरुष यौन क्रियाओं के लिए स्‍वस्‍थ्‍य नहीं होते, बिलकुल गलत है। मैथुन का सेक्‍सुअल हेल्‍थ से कोई लेना देना नहीं है।

रिसर्च के मुताबिक 65 प्रतिशत पुरुष एवं महिलाएं शादी के बाद मैथुन बंद कर देते हैं। उसका कारण नियमित रूप से यौन सुखों का मिलना है। हालांकि उनमें भी कई महिलाएं व पुरुष खुद अपने पार्टनर के सामने मैथुन करते हैं।

रिसर्च के मुताबिक अपनी शुरुआती उम्र में मैथुन करने वाले पुरुषों में 25 प्रतिशत 70 वर्ष की आयु तक भी मैथुन करते हैं।